गुरुद्वारा श्री पातशाही तीसरी सातवीं ओर आठवीं साहिब कुरुक्षेत्र शहर में स्थित है।
गुरुद्वारा श्री पातशाही तीसरी सातवीं ओर आठवीं साहिब कुरुक्षेत्र शहर में स्थित है।
श्री गुरू अमर दास जी: 1523 में श्री गुरू अमर दास जी सूर्यग्रहण पर अपने परिवार के साथ इस पवित्र स्थान पर आए। अकबर के राज के दोरान हिन्दू तीर्थयात्रा पर कर लिआ जाता था। इसलिए गुरु सहिब शहर के बाहर रहे और उन्होंने कर देने से इनकार कर दिया। जब यह खबर अकबर तक पहुंची, तो उन्होंने श्री गुरू अमर दास जी और उनके सिखों से कर नहीं लेने का आदेश दिया। पूरी मण्डली ने गुरू साहिब को नमन किआ है और उन्होंने पहली बार बिना कोई कर चुकाए पवित्र स्नान किया।
श्री गुरू हरराय जी: १० मार्च १६५६ को अमावस की रात को गुरू हरराय जी ने इस स्थान पर आकर सिख संगत को उपदेश दिया।
श्री गुरू हरकृष्ण जी : (राम राय ने गुरगद्दी पर अवैध कब्ज़ा करने के लिए राज दरबार का सहारा लिया।) श्री गुरू हरकृष्ण जी को दिल्ली से औरंगजेब द्वारा शिखी भावना को कमजोर करने के लिए बुलाया गया था। लेकिन श्री गुरू हरकृष्ण जी ने श्री गुरू हरराय जी (नाहि म लेच्छ को दरशण देहो) के उद्धरण को ध्यान में रखते हुए अपने निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया, लेकिन राजा जय सिंह राजस्थान के अनुरोध के बाद और उन्होंने वहां जाने का मन बनाया। कीरतपुर साहिब से पंजोखर के से होते हुये वह कुरुक्षेत्र में पहुँचे, और अपने पिता के स्थान पर रहने और तरखान के घर में रहने लगा) जहाँ श्री गुरू अमर दास जी और श्री गुरू हरराय जी रुके थे। अपने पिता की याद में श्री गुरू हरकृष्ण जी ने एक लंगर आयोजित किया, जहाँ विभिन्न किस्मों को तैयार किया गया और सभी संगत ने पंगत में भोजन किया।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
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अधिक जानकारी
:- गुरुद्वारा श्री पातशाही तीसरी सातवीं ओर आठवीं साहिब, कुरुक्षेत्र
किसके साथ संबंधित है
:-
श्री गुरू अमर दास जी
श्री गुरू हरराय जी
श्री गुरू हरकृष्ण जी
पता
:- पेहोवा रोड कुरुक्षेत्र
जिला :- कुरुक्षेत्र राज्य :- हरियाणा
फ़ोन नंबर
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