गुरुद्वारा श्री शीशमहल साहिब कुरुक्षेत्र जिले में पिहोवा शहिर में स्थित है।
श्री गुरु नानक देव जी: 1507 में, श्री गुरु नानक देव जी इस स्थान पर पहिली उदासी के दोरान यहां आये। गुरू साहिब ने लोगों को पुर्वजों की पूजा करने से मना किआ और उपदेश दिया कि मृत्यु के बाद, प्रसाद व्यक्ति तक नहीं पहुंचता, उनके कर्म उनके साथ जाते हैं।
श्री गुरु अमरदास जी: 1567 में, श्री गुरु अमरदास जी इस स्थान पर पहुंचे और लोगों को निर्देशित किया कि तीर्थयात्रा पर जाने से उन्हें आंतरिक राहत नहीं मिल सकती। गुरु ही सच्चा पीर होता है।
"तीरथ नाहन जौ तीरथ नाम है, तीरथ शबद विचर अंत ग्यान है"
श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी B>: 1616 में, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी इस पवित्र स्थान पर पहुंचे और जाति व्यवस्था को खत्म करने और ईश्वर से प्रार्थना करने का उपदेश दिया। >
श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी B>: - 1675 में, श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी इस स्थान पर पहुँचे, औरंगजेब से डरते हिंदू पुजारियों ने गुरू साहिब को वहां की स्थिति के बारे में बताया
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी B>: सैय्यद भीकन शाह फ़कीर से मिलने के बाद और सिआना सैदां से होते हुये गुरू साहिब यहां रुके। उन्होंने मण्डली को धर्म के नाम पर दान (प्रसाद उपहार) नहीं लेने का उपदेश दिया।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
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अधिक जानकारी
:- गुरुद्वारा श्री शीशमहल साहिब, पेहोवा
किसके साथ संबंधित है
:-
श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु अमरदास जी
श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी
श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
पता
:- पिहोवा शहिर जिला :- कुरुक्षेत्र
राज्य :- हरियाणा
फ़ोन नंबर
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