ItihaasakGurudwaras.com A Journey To Historical Gurudwara Sahibs

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गुरदुआरा श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी ज़िला अमृतसर तहिसील बाबा बकाला के गांव बुताला में सथित है । पहले ये गांव सखी सरवर के अनुयायी थे। भाई पल्हा जी अपनी माता शांति जी के साथ यहां रहते थे। वे सिख गुरुउं के अनुयायी थे। इस गांव में जब बीबी शांति जी की शादी हुई तो उन्होंने सखी सरवर को पुजने से इनकार कर दिया। जिससे गांव वालों और परिवार ने उसका कड़ा विरोध किया और उसे समुदाय से निकाल दिया। माता शांति जी और उनके पति बड़ी मुश्किल से गरीबी में रहते थे, लेकिन सेवा सिमरन नहीं छोड़ा। भाई पल्हा जी के जन्म के कुछ समय बाद ही उनके पिता का देहांत हो गया, माता जी ने पल्हा जी को मजदूरी का काम करके पाला और बचपन से ही गुरमत का उपदेश दिया। जब बाबा जी छोटे थे तो उन्होंने गुरु साहिब के दर्शन करने की इच्छा व्यक्त की। माता जी ने कहा कि गुरुबाणी पढ़ो और गुरू साहिब को याद करो। जब कभी गुरु साहिब आएं तो उन्हें एक चौथाई रुपया और एक गांठ गुड़ भेंट कर प्रणाम करें। भाई पल्हा जी की भक्ति देखकर श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी बुताला नगर आए और उनके खेतों में काम कर रहे भाई पाल्हा जी से मिले। गुरु साहिब को देखकर माता भी प्रसन्न हुईं। गुरु साहिब ने लंगर खाने की इच्छा व्यक्त की। तमाशा देखने के लिए गांव के ईर्ष्यालु लोग एक साथ आए हैं। वे जानते थे कि पल्हा कितना गरीब है, देखते हैं कि वह गुरु साहिब और सिखों की सेवा कैसे करेगा। गुरु साहब के भरोसे माता जी ने घर में जो जितना भी आटा था उसे पकाना शुरू कर दिया। गुरु साहिब की कृपा से लंगर चलता रहा। गुरु साहिब ने पहले गाँव के सभी लोगों को लंगर खाने के लिए कहा और फिर उन्होंने और सिखों ने लंगर खाया। इस चमत्कार को देखकर लोगों का घमंड चकनाचूर हो गया और पूरा गांव गुरु साहिब का सिक्ख बन गया। माता जी और भाई पल्हा जी की सेवा से संतुष्ट होकर गुरु साहिब ने एक दूसरे के साथ सब्र रखने और लंगर भंडारे को पूर्ण रखने का वचन दिया। माता जी ने कहा कि गरीब पल्हा से कौन शादी करेगा। तब संगत के एक गुरु सिख ने अपनी बेटी की शादी भाई पल्हा जी से करने के लिए हामी भर दी। भाई पाल्हा जी के वंशज आज भी इस गांव में गुरु साहिब की सेवा करते हैं।

 
गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
 
 
  अधिक जानकारी :-
गुरदुआरा श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी, बुताला

किसके साथ संबंधित है:-
  • श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी

  • पता :-
    गांव :- बुताला
    तहि :- बाबा बकाला
    जिला :- अमृतसर
    राज्य :- पंजाब
    फ़ोन नंबर :-
     

     
     
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