ItihaasakGurudwaras.com A Journey To Historical Gurudwara Sahibs

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गुरुद्वारा श्री चोला साहिब गाँव घुडाणी कलां, जिला लुधियाना में स्थित है। जब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी गाँव घुडाणी कलां में आए, तो उन्होंने सबसे पहले गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब के स्थान पर रुके। उस समय एक फ़कीर वहां रहते थे। उन्होंने पानी के साथ गुरु साहिब की सेवा की। उन्होंने गुरु साहिब के साथ चर्चा की गुरु साहिब ने उन्हें जीवन और मृत्यु के चक्र से भी मुक्त किया। जब लोगों को गुरु साहिब के बारे में पता चला तो वे यहां आए और उन्होंने गुरु साहिब से गाँव आने का अनुरोध किया। वहां से गुरु साहिब यहां भाई सूरतिया जी के घर पर आये और ४५ दिन तक यहां रुके । गुरु साहिब की रोज़ाना की गतिविधियाँ (दातान और ईशान) गाँव के तालाब के किनारे हुआ करती थीं जहाँ अब गुरुद्वारा श्री निमसर साहिब स्थित है, और दैनिक दीवान गुरुद्वारा श्री चोला साहिब वाले स्थान पर होते थे। गुरु साहिब 45 दिनों तक इस गाँव में रहे। भाई सूरतिया जी और ग्रामीणों के सेवा से खुश होकर गुरु साहिब ने गांव वालों को आशीर्वाद दिया और निम्न लिखित समान भेंट में दिया

  • 52 कलियों वाला चोला साहिब (गुरु साहिब द्वारा इस्तेमाल किया गया चोला साहिब ग्वालियर के किले में से 52 राजपूतों को मुक्त करने के लिए पहना था)
  • जोड़ा साहिब
  • छोटे ग्रंथ साहिब, जो गुरु साहिब का उपयोग करते थे


  • गुरू साहिब ने भाई सूरतिया जी को भाड़ोली साहिब भी दिया। गुरू साहिब ने खुद इसमें कुछ गेहूं के दाने डाले और आशीर्वाद दिया कि उनके घर में भोजन की कोई कमी नहीं होगी। और कहा के लंगर सदा चलता रहना चाहिए। लेकिन उन्हें भाड़ोली साहिब के अंदर देखने के लिए भी रोका। भाई सूरतिया जी की पांच पीढ़ियों ने लगभग 180 वर्षों तक गुरू साहिब के आदेश का पालन किया। लेकिन पांचवीं पीढ़ी की बहू ने अनजाने में भाड़ोली साहिब के ढकन को उतार दिया। और उसके बाद इसमें गेहूं के दाने नहीं थे।

     
    गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
     
     
      अधिक जानकारी :-
    गुरुद्वारा श्री हवेली साहिब, घुडाणी कलां


    किसके साथ संबंधित है :-
  • श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी

  • पता :-
    घुडाणी कलां
    जिला :- लुधिआणा
    राज्य :- पंजाब
    फ़ोन नंबर :-
     

     
     
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