ItihaasakGurudwaras.com A Journey To Historical Gurudwara Sahibs

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गुरुदवारा श्री नाभा साहिब, मोहाली जिले में जीरकपुर से बाहर पटियाला सड़क पर स्थित है | जब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी को दिल्ली के चांदनी चौंक में शहीद कर दिया गया तो किसी की हिम्मत नहीं हुई के वह गुरु साहिब का शारीर या शीश उठा सकें | पर अकाल्पुरख की मर्ज़ी के साथ बहुत तेज़ आंधी चली और उस अँधेरे की आढ़ में भाई जैताजी गुरु साहिब का शीश उठाने में कामयाब हो गए तथा भाई लखी शाह जी गुरु साहिब का शारीर अपने घर ले गए और शारीर का संस्कार अपने घर को आग लगाकर किया क्योंकि सामूहिक तोर पर संस्कार करना खतरे से भरा था | दूसरी तरफ भाई जैता जी गुरु साहिब का शीश लेकर यहाँ पहुंचे | उस समय यहाँ पर घना जंगल था, आराम करने के लिए भाई जैता जी ने वहां एक कुटिया देखी, जो कि एक मुसलमान फकीर की थी | फकीर ने भाई साहिब को आने का कारन पूछा | भाई साहिब ने फकीर को दिल्ली का सारा वाकया सुनाया | फकीर ने भाई साहिब को आराम करने के लिए कहा और गुरु साहिब का शीश एक ऊँचे स्थान पर रख दिया | सारी रात फकीर गुरु साहिब के शीश के सामने बैठा रहा | सुबह उठकर भाई जैता जी ने इशनान करके तयार हुए और गुरु साहिब का शीश लेकर श्री आनंदपुर साहिब की तरफ चलना शुरू कर दिया, जाने से पहले फकीर ने भाई साहिब को बताया के श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दर्शन करने की बड़ी इच्छा है | पर उनकी उम्र ज्यादा होने के कारण चल नहीं सकते, अगर गुरु साहिब उसकी यह इच्छा पूरी कर सकें तो उसका जीवन सफल हो जायेगा |

श्री आनंदपुर साहिब पहुंचकर भाई जैता जी ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को दिल्ली का सारा वाकया सुनाया और गुरु साहिब को फकीर का संदेश भी दिया और उसकी की सेवा के बारे में भी बताया | गुरु साहिब ने भाई जैता जी को कहा कि जब कभी वह उस इलाके के पास से गुजरें तो उन्हें फकीर को मिलना याद करवाया जाये |

कुछ समय बाद जब श्री गुरु साहिब भंगानी की जंग जीतने के बाद गुरुदवारा श्री बाउली साहिब गाँव ढकोली आये तो भाई जैता जी ने गुरु साहिब को फकीर को मिलना याद करवाया |गुरु साहिब गुरुदवारा श्री लोहगढ़ साहिब तक आये और आगे पैदल चल के गए | गुरु साहिब फकीर को मिले और उसकी इच्छा पूछी | फकीर ने गुरु साहिब को मुक्ति बख्शने के लिए कहा | गुरु साहिब ने फकीर को ४० दिन और भक्ति करने के लिए कहा और फिर वह सचखंड वासी हो जायेगा | फिर गुरु साहिब उस जगह गए जहां श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का शीश रखा गया था और माथा टेका | बाबा बंद सिंह जी बहादुर ने भी सूबा ऐ सरहंद को पंजाब पहुँच कर चिठ्ठी भी यहीं से लिखी थी |

तस्वीरें ली गईं;- २३ सितंबर, २००७
 
गुरुद्वारा साहिब,गुगल अर्थ के नकशे पर
 
 
  अधिक जानकारी :-
गुरुदवारा श्री नाभा साहिब

किसके साथ संबंधित है:- :-
  • श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी
  • श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
  • भाई जैता जी(भाई जीवन सिंह जी)
  • बाबा बंदा सिंह जी बहादुर

  • पता:-
    जीरकपुर पटियाला सड़क
    जीरकपुर
    जिला :- साहिबजादा अजीत सिंह नगर
    राज्य :- पंजाब
    फ़ोन नंबर:-००९१ १७६२ २८८४३१
     

     
     
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