ItihaasakGurudwaras.com A Journey To Historical Gurudwara Sahibs

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गुरुद्वारा श्री मिलापसर साहिब जिसे गुरुद्वारा श्री बाउली साहिब के नाम से भी जाना जाता है, गाँव घुरम जिला पटियाला में स्थित है। यह स्थान पटियाला-पिहोवा रोड पर गाँव के बाहरी हिस्से में है। यह गाँव श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के आने से धन्य हुया । यह माता कौशल्या का गाँव है, जो श्री राम चंदर जी की माँ थी। राजा दशरथ जी अपनी शादी के लिए यहाँ आए थे उनकी बारात यहां बावली में रुकी। यह बावली माता कौशल्या के पिता राजा कोहराम द्वारा बनाई गई थी। पुराने समय में इस गाँव को कोहराम के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में जब मुस्लिम शासक पंजाब आए, तो उन्होंने इस गाँव का नाम घुरम रख दिया, क्योंकि वे "राम" शब्द का उच्चारण नहीं करना चाहते थे। पीर भीखन शाह जी भी यहीं रहते थे। एक बड़ी मस्जिद पीर भीखन शाह जी की याद में गाँव में स्थित है। पीर जी बहुत धार्मिक व्यक्ति थे। पीर जी पश्चिम की ओर (मक्के की तरफ) नमाज पढ़ते थे, जब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पटना में हुआ था, तो पीर जी ने पूर्व की ओर नमाज अदा की। जब उनके चेलों ने इसका कारण पूछा। तब पीर जी ने समझाया कि आज मोहम्मद जी ने पटना में फिर से जन्म लेकर मानव जीवन में लौट आए हैं। तो मैं उनकी तरफ़ अपनी पीठ रखकर नमाज कैसे पढ़ सकता हूं। शिष्य इसके लिए सहमत नहीं थे। उस पर पीर जी अपने सभी अनुयायियों साथ लेकर पटना गए। गुरू साहिब की झलक पाने के बाद दूसरी बार पीर जी लखनौर साहिब गए। जहां पटना से वापस आते समय श्री गुरु गोबिंद सिंह जी रुके थे। इस बार गुरू साहिब ने पीर जी को दोबारा आने के लिए मना किया और कहा अगली बार गुरू साहिब खुद उनसे मिलने आएंगे। और अपने वादे को पूरा करते हुए श्री गुरु गोबिंद सिंह जी पीर भीखान शाह जी को देखने के लिए बावली में आए।

 
गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
 
 
  अधिक जानकारी :-
गुरुद्वारा श्री बाउली (मिलापसर) साहिब, घूरम

किसके साथ संबंधित है :-
  • श्री गुरु गोबिंद सिंह जी

  • पता :-
    गांव :- घूरम
    जिला :- पटियाला
    राज्य :- पंजाब
    फ़ोन नंबर :-
     

     
     
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