गुरदुआरा श्री सिंह सभा साहिब , पुष्कर शहिर, जिला अजमेर, राजस्थान में स्थित है। यह स्थान हिंदू धार्मिक केंद्र है। यह शहर झील के चारों ओर स्थित है। ईस झील के ५२ घाट हैं। उन ५२ घाट में से एक घाट गोबिंद घाट के रूप में जाना जाता है और सिख इतिहास से संबंधित है। श्री गुरु नानक देव जी श्रीलंका से वापस आते हुये 1511 ई: में अजमेर और पुष्कर आए। गुरू साहिब मारवाड़ से होते हुए अजमेर पहुंचे और अलाउद्दीन चिश्ती से चर्चा की, जो मुस्लिम पीर चिश्ती साहब के अनुयायी थे। धार्मिक चर्चा होने के बाद गुरू साहिब पुष्कर आए। यहां गुरु साहिब ने ऋषियों से मुलाकात की और उन्हें सच्च का मार्ग बताया। गुरु साहिब ने उन्हें मानवता की सेवा के लिए राजी किया। गुरु साहिब धर्मशाला बनवाने और लंगर चलाने के लिये प्रेरित किया।
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी तलवंडी साबो से नांदेड़ जाते हुए यहां आए। गुरू साहिब दादू द्वारा, नारायणा से यहां आए थे। गुरु साहिब ने भी उसी स्थान पर विश्राम किया जहाँ श्री गुरु नानक देव जी बैठे थे। चेतन नाम के एक ब्राह्मण श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से मिले और उन्हें उस जगह के बारे में बताया, जहां श्री गुरु नानक देव जी बैठे थे। गुरू साहिब ने ब्राह्मण चेतन को एक हुकमनामा दिया, जो अब भी उनके परिवार के पास है। यह गुरू साहिब द्वारा हस्ताक्षरित है। संगत इसे देख सकती है। जब स्थानीय लोगों ने खालसा को देखा, तो उन्होंने उसकी पोशाक के बारे में पूछा। वे चकित थे कि उनके बाल थे और उनके पास हथियार भी थे। वे न हिंदू हैं, न मुसलमान। गुरु साहिब ने उन्हें बताया कि उन्होंने एक नया पंथ शुरू किया है जिसे खालसा पंथ के नाम से जाना जाता है। जो हिंदू और मुस्लिम से अलग है। वे अकाल पुरख के पुजारी हैं। लोगों ने पूछा कि वे तो बहुत थोड़े से थे, तो गुरु साहिब ने उन्हें बताया कि वे सिर्फ बीज थे। खालसा उनमें से विकसित होगा। यहाँ से गुरु साहिब आगे के लिए रवाना हुआ और बागोर पहुँच गया। वहाँ गुरु साहिब को औरंगज़ेब की मृत्यु के बारे में पता चला।
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गुरदुआरा साहिब,गुगल अर्थ के नकशे पर
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री सिंह सभा साहिब, पुष्कर
किसके साथ संबंधित है
:-
श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
पता:-
इंडियन ओवरसीज बैंक, पुष्कर के सामने
जिला :- अजमेर
राजस्थान
फ़ोन नंबर:-
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